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हरिहौं तुम होय पतितपावन
जो पतित न पावन कीन्हे झूठो होय नाम रखावन
झूठो होय नाम रखावन हरिहौं एकै पतिता दिय बिसारी
कौन भाँति कहावो हरिहौं जौ आय न हमरी बारी
झूठो तुम्हरौ नाम होय न हरिहौं अबहुँ साँचो कीजै
पतितपावन नाम रखावो सब पतितन चरण रख लीजै

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