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अबहुँ सुन्यो कान देय नाथा
ठौर तिहारी बिन रहूँ भटकी आपहुँ हाथ देय करौ सनाथा
हा हा नाथा कितहुँ जाऊँ कौन कौ हिय की बात सुनाऊँ
तुम्हरै बिन कोऊ नाथ न साँचो हरिहौं बिगरी दसा बताऊँ
झूठो साँचो तुम्हरी नाथा पकरौ आपहुँ जीवन डोरी
भजनहीन अधम बाँवरी बुद्धिहीन राखै मति थोरी

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