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हरिहौं कीजौ भोगन ते छुटकारा

बिलपत अबहुँ गमाय जन्म बहु बाँवरी रटै नाम तिहारा

हरि हरि रटै जिव्हा सकल स्वासा छूटे सगरौ भोग पसारा

हरिहौं आपहुँ कीजौ सम्भार कछु बाँवरी जन्म जन्म बिगारा

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