मैं तो मोहन रंग रंगूँगी रसिया मैं तो तेरे मैं तो तेरे संग चलूंगी रसिया मैं तो तेरे गयी थी यमुना पे पनिया भरन को पनिया भरन को सखी पनिया भरन को खींच खींच मटकी फोड़ी रसिया फोड़ी र...
रस बरसे रस बरसे श्याम जू के अंगना मोकू भी ले जाओ सखी तुम भी अपने संगना मेरी अर्ज़ी मानो सांवरिया होरी खेलत हुई बंवरिया खेल खेल श्याम संग होरी झूम गया मन सजना रस बरसे......., सब रंग फ...
मैं बोली कहो साहिब क्या काम मेरा इश्क़ में क्या करवाना है वो बोले तेरा अब काम एक ही है खुद तड़पना औरों को तड़पाना है मैं बोली ये तो काम हैं तेरे ही मुझसे ही क्यों कराना है वो बोले...
मुझे लगता है मनमोहन तुम्हें मुझसे प्यार नहीं जो प्यार किया होता तो क्यों इकरार नहीं हाय मुझको जलाते हो तुम कितना रुलाते हो यही दर्द अब इतना है मुझसे दरकार नहीं मुझके लगत...
हर चाह बनो तुम मनमोहन और कोई ना चाह करे ये दिल अब सम्भलते नहीं हालात मेरे दिल बेकाबू सब है मुश्किल छुप छुप कर अश्क़ बहाते हैं और देते हैं जख्मों को सिल कभी लगता है तुम नहीं आओग...
आज नींदे भी बेताब हुई जाती हैं क्या तेरा ख्वाबों में आने का वादा है क्यों दिल के दर्द कम नहीँ होते क्यों बेकरारी अब और ज्यादा है नींद मुझको तो बेचनी है अपनी क्या मोल खरीदोगे ...
बेकरारी......... मोहबत की बेशुमारी.........मोहबत की तन्हाई...........मोहबत की रुस्वाई...........मोहबत की इनायतें ...........मोहबत की शिकायतें..........मोहबत की गुमनामियां........मोहबत की बदनामियाँ.........मोहबत की सुकून ...........मोह...
मेरी नज़रों में बसो ओ कन्हैया मेरे नज़रों से क्यों दूर हो तुम मिलकर भी नहीं मिलते मुझसे मेरी तरह क्या मज़बूर हो तुम क्यों है पर्दे बड़े श्याम प्यारे बेसहारों के तुम हो सहारे बी...
मेरी ज़िन्दगी का हर लम्हा अब तेरे नाम है लबों पे जिक्र तेरा ही अब सुबह शाम है मैंने तेरे नाम करदी हर साँस अपनी प्यारे तेरे इश्क़ में ही जीना अब मेरा काम प्यारे अब मेरी रूह कान्ह...
साची प्रीत पिया संग लागी मेरो प्रीत कान्हा संग लागी सगले जगत से भई बेगानी बाँवरी तो अब भई बैरागी नित दिन प्रेम प्रतीक्षा कीन्हीं नित नित रैन हाय जागी अखियाँ झर झर नीर बहाय...
ये अश्क़ भी तेरे इश्क़ का इनाम होता है इसमें भी यार का ही पैगाम होता है अभी आ रहा हूँ अश्क़ बनके आँख में तेरी यूँ तो हर लम्हा ही तेरे नाम होता है समेट लेती हूँ सब अश्कों को अब कान्ह...
माधो!प्रेम कर सुख पाया | मन अंतर में तुझे बिठाया || निरख निरख सुख पाया | माधो!प्रेम कर सुख पाया || राग द्वेष संताप मन उतरा | परम् परम् सुख आया || चिंतन में हरि आप लगाया | मन वैराग समाया || ...
इतनी कृपा करो नाथ मेरे तुमको इक पल भी ना भुलाऊं मेरे मन में छवि रहे तेरी ही अपने कर्मों से तुझको रिझाऊँ सेवा तन से बने संसार की मन में बहती रहे गंगा प्यार की कर्म सब हो जाएँ तु...
कान्हा! मुरली की छेड़ो तान व्याकुल हुई गोपी गईयां तेरी भर दो जीवन प्राण कान्हा! मुरली की छेड़ो तान दिन चढ़ आया मधुवन जाओ गोप जाएँ और गईयां ले जाओ राह में मिलती हर गोपी कर बैठी तु...
ना बोलूँ तोसे मैं कान्हा नित नित मेरो मटकी फोड़ी मटकी फोड़ी मेरो बईयां मरोरी ना बोलूं तोसे मैं कान्हा मन माखन सब लियो चुराय निर्धन की दी सुधि बिसराय अब मुख से कछु बोले नाय ना ...
मिलकर भी मिले नहीँ हो तुम ये कैसा मेरे एहसास है कभी लगता है दूर बहुत हो कभी लगता है पास है मिलकर तुमको खुश हुआ मन बिछड़ के रूह उदास है तुम आओगे जरूर इक दिन मन में लगी ये आस है मुझ...
उलझती फिरती हूँ भटकती फिरती हूँ क्यों तेरे दर पे सुनवाई नही है सम्भालो अगर कभी माना है अपनी या किस्मत में मेरी दवाई नही है रोग तेरे इश्क़ का मुझको लगा है जिसकी दवा भी बनाई नही...
साँझ ढली कब भोर भई बिरहन को कोई सुधि ही नहीँ तेरी शरण पड़ी कुञ्ज बिहारी कृपा करो तुम कृपामयी निसदिन अखियाँ जल बरसावें श्याम छवि लखे बिन चैन पावें हिय की अग्नि से राख भई कृपा ...
मेरा सांवरिया गिरधारी मैं तो आई शरण तिहारी तुम निर्बल के बल हो ठाकुर दर्शन की अभिलाष में आतुर दे दो दरस इक बारी मैं तो आई शरण तिहारी मेरा सांवरिया गिरधारी मुरली की अब तान स...
कृपा करो हे भानु दुलारी दासी शरण में पड़ी तिहारी कृपा करो बरसाने वारी दासी शरण में पड़ी तिहारी नही योग्यता नही कोई बल मूर्ख अधम पतित मैं निर्बल निर्बल को बल आप ही दीजो अब मोह...
कृपा करो हे भानु दुलारी दासी शरण में पड़ी तिहारी कृपा करो बरसाने वारी दासी शरण में पड़ी तिहारी नही योग्यता नही कोई बल मूर्ख अधम पतित मैं निर्बल निर्बल को बल आप ही दीजो अब मोह...
निर्बल को बल तुम्ही श्याम ये जीवन अब तेरे नाम हर लो दीन जनन की पीड़ा भक्ति मिले तेरी निश्काम जप न तप न कोई साधना न जानू तेरी कोई अराधना भिक्षा दो बस प्रेम की अपने रख लो हरि चरणन ...
मेरी पीड़ हरो सांवरिया कुछ धीर भरो सांवरिया मैं हूँ दीन अधम पातकी तुम दया करो सांवरिया जन्मों से ही पतित है जीवन अब शरण में पड़ी हूँ निर्धन और कहां जाऊँ मैं तुम बिन अब लो मेरी ...
तेरा इश्क़ मेरी सज़ा बन न जाए मेरी मौत की वजह बन ना जाए जिस्मों से परे है रूहों की चाहत रहम करना है पर तेरी आदत तेरी चाहतों का मुझे है अंदाज़ा यही चाहतें पर अदा बन न जाएं तेरा इश्क़ ...
दिल के दर्द की मुझको दवा दो खतावार हूँ अगर मुझको सज़ा दो मैंने बस तुमको सिर्फ तुमको चाहा तुम भी चाहते हो मुझको बता दो मेरी चाहतों का ना ऐसा सिला दो नही दूर रखना तुम्हीं में मि...
ये आँखे तलाश रही तुम्हें तुम रूह की तलाश बन जाओ जो छू पाये बस रूह तुम्हें तुम ऐसे प्रेम बन कर आओ बस जाये महक बन कर ही ऐसे मुझ में ही समा जाओ इक पल ना बिछडुं तुम से मैं ऐसे अब मुझम...
काश तुम भी समझ लेते मेरे जीने की वजह ही तेरे बिना जीना प्यारे है मेरे लिए सज़ा ही अब हर साँस करदी मैंने तेरे ही नाम भूल गयी सब कुछ जिंदगी ही तेरे नाम मुझे प्यारी लग रही तेरे छिप...
अब दीदार दो या मार ऐसे क्यों तड़पा रहे हो हम आग में पहले से ही हैं और क्यों जला रहे हो माना की दिल को तेरे दीदार की तलब है और दीदार तेरा हो ये भी इक सबब है नहीँ आना साफ़ कह दो झूठी उम...
किन्ना ओखा है दिल दा लगाणा तेरे विछोड्यां विच मैं मर जाणा हुण तक तेरी खबर न कोई इस कमली नू सब्र ना कोई रोंदी रोंदी विरहन हुण मोई हाय दस् जा पता ठिकाणा तेरे विछोड्यां विच मैं ...
तेरी मोहबत में फनाह हो जायेंगे कभी तेरे लबों की दुआ हो जायेंगे अश्क़ निकले मेरे महबूब की आँखों से गवारा ही नहीँ तेरे दीदार के बिन सिसकना है और गुज़ारा ही नहीँ हम में कोई अक्स ह...