Vedon ka saar

सब वेदों का सार है राधा
कृष्ण प्रेम आधार है राधा

नित्य नवल रसधार है राधा
इक सच्ची सरकार है राधा

कृष्ण प्रेम उन्माद है राधा
परम प्रेम का स्वाद है राधा

श्रीकृष्ण हिय मणी है राधा
परम धन चिंतामणी है राधा

शब्दातीत परम शक्ति है राधा
परम प्रेम रूपा भक्ति है राधा

नित्य रस आपूर्ति है राधा
दिव्य प्रेम मूर्ति है राधा

तप्त काँचन गौरांगी है राधा
कोमला नवल सुअंगी है राधा

गुणातीत गुणनिधान है राधा
परम प्रेम धनवान है राधा

नित्य रास रासेश्वरी है राधा
मुग्धा स्निग्धा मधुरेश्वरी है राधा

भव्या नव्या नीलवर्णी है राधा
कृष्ण हिय सुखकर्णी है राधा

ब्रजबाल नित्य निकुंजेश्वरी है राधा
नवीना नवला राजेश्वरी है राधा

भानुकीर्ति हिय आभूषण है राधा
कृष्ण हिय का पोषण है राधा

कृष्ण नवरस वर्धिनी है राधा
ऐश्वर्य मान मर्दिनी है राधा

परम प्रेम अवतार है राधा
सकल सुखन का सार है राधा

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