नव नव उत्सव

नव नव उत्सव नवल रँग बरसै

देख देख सहचरी हिय सरसै

बाजे ढोल मृदङ्ग सखी नाचै

ज्ञान की बाता कौन अबहुँ बाचै

बाँवरी नाचै आज सखी फूले

युगलकिशोर हिय माँहिं झूले

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून