साँचो विरह लगावो

प्यारीजु साँचो विरह लगावो
जिव्हा सौं नाम रस लेऊँ ऐसो नाम रस हिय उमगावो
श्रवण करूँ नाम गुण तिहारो रसिकन सँग बैठावो
सेवा कर सौं सौंप देय कोऊ प्यारी जीवन धन्य बनावो
बिरथा होय न कोऊ स्वासा नाम स्वासा सँग जुरावो
बाँवरी निकसै न कोऊ विध बाहर पकरि करि चपत लगावो

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