बेवफ़ाई के किस्से

अब और भी क्या लिखूँ मैं अपनी बेवफ़ाई के किस्से
लिखने से गुनाह खत्म न हुआ करते कभी
तुमको भुलाना ही तो जुर्म हुआ है मुद्दतों से
यही जलना सिसकना अब सजाएं हैं मेरी

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