Kotin koti jnm
हरिहौं कोटिन कोटि जन्मा दीजौ
कोढ़ी पँगु अंध नयन सौं जन्म जन्म मोहि कीजौ
रहै चमार चरम की लोभी बाँवरी कोढ़ी कीजौ नाथा
कबहुँ न हाथ बढ़त सेवा कौ बनत रह्यौ अपराधा
नयन निहारत जगति कौ स्वादा अंध जन्म सौं कीजौ
भीतर नाम चलै तबहुँ कछु हरिहौं जगति लोभ न दीजौ
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