तुम हौ पतितपावन

हरिहौं तुम हौ पतितपावन
जौ पतिता बाँवरी भूले रहै बिरथा नाम रखावन
तुम शरणागतवत्सल नाथा बाँवरी शरणन कीजौ
निकारो जगति कीच सौं नाथा अपनी चरण रति दीजौ
चरणन रति दीजौ नाथा जगति कौ फन्द छुड़ावो
भजन चटपटी हिय माँहिं दीजौ चरणन धूरि बनावो

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