पी की बतियाँ

सखी री न कहूँ कोऊ से पी की बतियाँ
दिवस जावै पिय पिय टेरत काटे न जावै रतियाँ
काटे न जावै री रतियाँ बाँवरी बिरहन बैठी रोवै
पिय पिय टेरत रह्वै मुख सौं नयनन नीर भिगोवै
न कहूँ री पिय आपहुँ जानत मेरौ सगरी बतियाँ
मौन होय रही राह निहारूँ नयनन काटूँ रतियाँ

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