काहे मान कीजै

काहे मान कीजै किशोरी भामिनी
मम उर राजिनी सुगंधिनी मोरी प्राण स्वामिनी
तजिहौ मान किशोरी नवले नव नव सुधा अगाधा
तव पद पंकज की सेवा भामा नित्य तृषा रहै साधा
निरखत बनै न रूप माधुरी प्राणे प्रियतम उर वासिनी
बिरहों नित्य प्रियतम अंग सुअंगन नवबाला नवभामिनी

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