बाँवरी जन्म गमाई
हरिहौं बाँवरी जन्म गमाई
एकहुँ नाम लियो न साँचो, साँचो नाथा दियो भुलाई
झूठो धन संचय कीन्हीं बाँवरी रैन दिवा जगति भावै
साँचो नाथ बिसराई पतिते भजन न कबहुँ सुहावै
बाँवरी तू कूकरी सौं नीच फिरै साँचो नाथ बिसरावै
कूकर क्षणहुँ न साहिब भूलै ऐसो साँचो नेह लगावै
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