भजन चटपटी

हरिहौं भजन चटपटी दीजौ
बुद्धिहीन बलहीन बाँवरी नाथा उपाय कछु कीजौ
कौन भाँति भव रोग छुटेगो कबहुँ बनै भजन की बात
जन्मन जन्मन गमाई बाँवरी अबहुँ रही पछतात
हा हा नाथा कौन विध सौं बात भजन की होय
बाँवरी कबहुँ पुकारे नाथा कबहुँ हाथ उठाय दोय

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