हित कौ रूप
हित कौ होवै रूप सबै हम हित उपासी
हित ही रति मति गति हमहुँ हित की करै ख़्वासी
हित भूषण हित बसन हित होय सकल प्रेमालाप
बाँवरी हित हरिवंश भजै मेटे सकल हिय ताप
हित खेले हिय हित हँसे हिय हित करै नित खेलि
हित हरिवंश रट री रसना निरख युगल रस केलि
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