तेरे बिना

फ़ीका है सारा जहां
       तेरे बिना
रोती हैँ तन्हाईयाँ
       तेरे बिना
कुछ भी अच्छा नहीं
        तेरे बिना
दिल को जँचता नहीं
        तेरे बिना
तन्हा सी हूँ रुस्वा सी हूँ
साँसें चलें ज़िन्दा सी हूँ
ये तो बता तुम्हें ढूँढूँ कहाँ

           तेरे बिना
           तेरे बिना

सब कुछ लगे खाली यहां
अपना नहीं लगता ये मकाँ
तेरी धड़कनों का एहसास ना
          रोऊँ मैं बेजुबाँ
             तेरे बिना
             तेरे बिना

सुन ले मेरी इक बार आ
  हाय  दिल में है क्या
   बस इतना तो बता
         बेचैन हूँ
      किसको कहूँ
         तेरे बिना

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