सूनी लागे पिया बिन
सूनी लागे पिया बिन सेजरिया हार सिंगार मेरो सखी रोवे
बाजे ना पैरन में पायलिया और कंगना ना हाथन माँहिं सोहवे
सूनी सी बिंदिया भाल जरी मेरो नैनन माँहिं कजरा ना सुहावे
बिरहनी रैन दिवस अकुलावे हार सिंगार ना हिय को भावे
का पहनूँ का ओढूँ री चुनरिया छूवत मेरो अंग जरावे
सतरँगी चुनरिया पिया मोहे दीन्हीं देखत याद पिया की आवे
कौन घड़ी आन मिलो प्रियतम बाँवरी तेरो आस लगावे
अँग लागे तेरो चैन परे मोहे राह तकत हूँ कबहुँ पिया आवे
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