ना तो इश्क़ करना आया

ना तो इश्क़ करना आया ना की कभी तेरी इबादत
झूठा ही दम भरा है मुझे तुझसे हो गयी मोहबत

कभी रूह से पुकार उठती कभी तुझको याद करती
कभी दिल मेरा तड़पता कभी तुझसे फरियाद करती
झूठा ही दम भरा है झूठी ही मेरी उल्फ़त
ना तो इश्क़ करना आया ना की कभी तेरी इबादत
झूठा ही दम भरा है मुझे तुझसे हो गयी मोहबत

ना दिल कभी जला है उल्फ़त में कभी मेरा
नहीं सजदा करना आया कभी नाम लिया न तेरा
यूँ ही गुस्ताखियाँ ही हो गयी हैं साहिब मेरी आदत
ना तो इश्क़ करना आया ना की कभी तेरी इबादत
झूठा ही दम भरा है मुझे तुझसे हो गयी मोहबत

दुनिया की नज़र में खुद को क्या क्या दिखाया
दिल में तड़प उठी ना ही तेरा ख्याल आया
खुदगर्ज़ सा हूँ इंसान ऐसी ही है मेरी फितरत
ना तो इश्क़ करना आया ना की कभी तेरी इबादत
झूठा ही दम भरा है मुझे तुझसे हो गयी मोहबत

तूने इनायतों में ना कमी कोई छोड़ी
दिल के किसी कोने में नहीं मेरे मोहबत थोड़ी
मुझको सजाएं देना नहीं करना कोई इनायत
ना तो इश्क़ करना आया ना की कभी तेरी इबादत
झूठा ही दम भरा है मुझे तुझसे हो गयी मोहबत

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