प्रियतम श्याम सुंदर

प्रियतम श्यामसुन्दर प्यारी को अंग सुअंग लगावे
प्यारी रति दान लेकर प्रियतम को आनन्द दिलावे

अपने सुख की नहीं कामना सुख परस्पर चाहवें
दोऊ परस्पर सुख वर्धन हेतु नित्य नवल रंग बरसावें

प्रियतम प्रिया माँहि प्रिया प्रियतम माँहिं सदा रहे समाई
श्यामाश्याम देखिहो आनंदमय सखी अभिलाष जगाई

नित्य नवल प्रेम सुधा में सुख पावें नित्य श्यामाश्याम
युगल सुख बढ़ावन को सबहुँ सखी प्रेम करें निष्काम

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून