श्यामा अजहुँ
श्यामा अजहुँ नाचिहे देयो सखियाँ ताल !
आनन्द भयो अति कुंजन माँहि देखत गिरधर लाल !!
कोऊ गावै कोऊ नाच दिखावै सखियन श्यामा संग !
मोहन रंग रँगीली श्यामा सखियाँ श्यामा रंग !!
हर्ष उल्लास बढ्यो अति मन माँहिं नटवर नाच्यौ संग !
हिय में प्रेम चटपटी लाग्यो उठत रह्यौ प्रेम तरंग !!
ता ता थइया नृत्य करें सखियन संग जुगल किशोर !
रति दान दीजौ नागरी मोहे मनहर करत निहोर !!
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नैनन कोर से देखिहौ श्यामा अति मधुर मुस्कान !
हिय में उमंग प्रेम अति बढ्यो सुनत मुरली को तान !!
रसराज भरत ऐसो सुर मुरली माहिं श्यामा भई अधीर !
दौड़त जावत अतिहिं वेग सों श्यामा जमुना तीर !!
देखत मनमोहन दूर सयों हिय में नेह अति बढ्यो !
कटी काछनी अधरन मुरली पीताम्बर रह्यौ धरयौ !!
भाजत श्यामा लेत आलिंगन हिय को प्यास नाँहि जावै !
श्यामा हिय की पीर मिट्यो जब मोहन अंग लगावै !!
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कुञ्ज वीथिन माहिं हर्ष उपज्यो बिलसत श्यामा श्याम !
नेह बेलि अति बाढिहो सखियाँ प्रीत करें निष्काम !!
प्रीति ऐसो युगल सों जुगल को सुख सेज सजावै !
दोऊ बिलसत भयो अति आन्दित बलिहारी जावै !!
रँग रँगीली प्रीति वारे नव दम्पति की सम्पति होय !
नित नित बढ्यो प्रेम उल्लास हिय नित नव रंग दोय !!
ऐसो मिलिहौ युगल सुख नित नित नवल रंग सजयो !
ऐसो सुख नाँहि जग माँहिं भुक्ति मुक्ति सब तज्यो !!
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अहिल्या जैसो मेरो जप तप नाँहि जो छुअत बनूँ मैं पावन !
हरि ही कृपा करें मुझ अधमन पर ना जानूँ हरि मनावन !!
सेवा ना संयम् भाव कुभाव रह्यो प्रीत बेलि नाय बढिहे !
हरि रंग चढ्यो सर्व जगत माहिं पाषाण हिय नाहिं चढ़िहें !!
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