तरसत नैन पिया
तरसत नैन पिया तोरे बिन कबहुँ मिलयो आन !
व्याकुल हिय दिन रात रहत है तड़पत मोरे प्राण !!
पिय पिय कह अकुलाऊँ मोहना बाँवरी तेरो नाम टेरे !
आन मिलो अबहुँ श्याम मोरे दिवस गयो बहुतेरे !!
चाँद में खोजत रही तेरो सुरतिया हिय न पीर समावे !
मेरो चाँद कबहुँ नैन बसे मेरो कौन घड़ी पिया आवे !!
बिरहनी तेरी भई बाँवरी नित तेरो राह निहारे !
आवो पिया प्राण मेरो निकसत हिय मेरो तोहे पुकारे !!
Comments
Post a Comment