मेरा धन तुम श्यामा किशोरी

मेरा धन तुम श्यामा किशोरी मुझे लाडली तेरी ठौर
छोड़ जगत जंजाल राधिके निरखुँ तेरी ओर

जप ना तप ना मेरो कोई बल ना कौन विधि तुम्हें रिझाऊँ
मन में यही अभिलाष किशोरी दासी तेरी हो जाऊँ
हर क्षण जिव्हा गाये नाम तेरो साँझ ढले या होवै भोर
मेरा धन तुम श्यामा किशोरी मुझे लाडली तेरी ठौर
छोड़ जगत जंजाल राधिके निरखुँ तेरी ओर

अपने चरणों की प्रीति दो मोहे भव बन्धन सों छुड़ाओ
तुम्हें रिझाऊँ किशोरी श्यामा मोहे अपनी शरण बैठाओ
सजल नयन मेरे तुम्हें पुकारूँ श्यामा तुम कृपा की कोर
मेरा धन तुम श्यामा किशोरी मुझे लाडली तेरी ठौर
छोड़ जगत जंजाल राधिके निरखुँ तेरी ओर

तुम बिन कैसा जीवन मेरा क्षण क्षण ताप जलावे
यही आस स्वामिनी तुम सों कब कृपा मोपे बरसावे
हिय मन्दिर माँहिं आन विराजो संग नटवर नन्द किशोर
मेरा धन तुम श्यामा किशोरी मुझे लाडली तेरी ठौर
छोड़ जगत जंजाल राधिके निरखुँ तेरी ओर

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