श्यामाश्याम विराजे

श्यामाश्याम विराजे कुञ्ज माँहिं सखियन कुञ्ज को कियो सिंगार
श्याम दृग प्रेमरस चाहवें करें प्रियतमा सों मनुहार

मुरली की मृदु तान छेड़ सुर ऐसो भरयो नटवर कन्हाई
नित्य नवेली दुल्हन श्यामा घूँघट ओट में रहीं मुस्काईं

अद्भुत प्रेम रंग बरस रह्यो नाचत रह्यो मयूर
श्यामाश्याम रहें सदा आनन्दित प्रेम सुधा पीवत भरपूर

सब सखियन अभिलाष एकहुँ श्यामाश्याम सदा सुख पावें
युगल जोरि की प्रीत होय नवेली सभी सखियाँ बलिहारी जावें

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