पिय का देस
मेरो पिय का देस दूर अति कोऊ संदेस देय दीजौ
पीर बिरह की भाग लिखी कैसो अबहुँ पिया सुधि लीजौ
जानू हूँ मेरो नेह ही झूठो हाय मोहन किस विधि रीझौ
साँचो प्रेम तेरौ होय मोहना अबहुँ विलम्ब न कीजौ
मेरो तन मन प्राण तुम मोहना तुम बिन स्वास न आवै
पिय बिन देह होवै ज्यूँ पाथर हाय विधना प्राण न जावै
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