कितहुँ जाऊँ
मोहना तुम बिन कितहुँ जाऊँ
क्षण न जावै पीर विरह की कैसो धीर धराऊँ
कोऊ सुने पीर बिरहन की कौन को जाय बताऊँ
तुम बिन जीवन कैसो होय कैसो प्राण धराऊँ
बिरहन की सुधि लीजौ मोहना नैनन नीर बहाऊँ
तेरी मेरी प्रीत पुरानी प्यारे मिलो तो चैना पाऊँ
मोहना तुम बिन कितहुँ जाऊँ
क्षण न जावै पीर विरह की कैसो धीर धराऊँ
कोऊ सुने पीर बिरहन की कौन को जाय बताऊँ
तुम बिन जीवन कैसो होय कैसो प्राण धराऊँ
बिरहन की सुधि लीजौ मोहना नैनन नीर बहाऊँ
तेरी मेरी प्रीत पुरानी प्यारे मिलो तो चैना पाऊँ
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