बड़भागी कौन ऐसो
बड़भागी कौन ऐसो जिन हिय राधा प्रेम उपजायो !!!
राधा राधा नाम जपत ही सार सकल सुखन को पायो !!!
राधा जु चरण शरण राखे अपने महल बुलायो !!!
महल टहलिनी देवे श्यामा किंकिरी पद को पायो !!!
मूर्ख बाँवरी अबहुँ क्या सोचे नाँहिं राधा चरण मन लायो !!!
जो एह जन्म राधा चरण न पायो बिरथा जन्म गमायो !!!
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