ऐसो दिन कबहुँ आवे श्यामा

चरण चापत रहूँ तिहारे ऐसो दिन कबहुँ आवै श्यामा
रचूं जावक बहु भाँति सों चरण महावर सुहावै श्यामा
हार सिंगार करूँ ऐसो जो मोहन हिय अति भावै श्यामा
नीलवर्ण को होवै लहँगों कंचुकी लाल पहिरावै श्यामा
मोहन सँग तुम सुखमय विलसो बाँवरी सेवा पावै श्यामा
श्यामाश्याम ही मेरो प्राण होय बलिहार बाँवरी जावै श्यामा

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