पिय पिय रटे
पियु पियु ही रटे बाँवरी और न कछु सुहावै
कागा जाय सन्देसा दीजौ कौन घड़ी पिया आवै
बाँवरी पिय पिय रटे स्वास स्वास बैठी नैन बहावै
पिय दरस बिन दुखै नैना पिय की ही आस लगावै
रोग मेरो पहिचाने कोऊ पिय बिन मर्ज कौन बतावै
मनमोहन होय वैद हमारौ आय मिल पीर मिटावै
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