राधा राधा राधा2
राधा राधा राधा राधा राधा राधा
मधुरातिमधुर राधा नाम । रा........धा राधा रा.......धा। राधा नाम केवल दो अक्षरों का जोड़ मात्र ही नहीं। राधा तो श्रीहरि अखिलकोटि ब्रह्माण्डनायक परमतत्व श्री कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति है जिन श्री प्रभु की महिमा सम्पूर्ण वेद शास्त्र भी नहीं कर पाते। सम्पूर्ण वेद शास्त्र भी नेति नेति कहकर रसरूप श्री प्रभु की महिमा नहीं बता सकते तो उन परमेश्वर की भी परमेश्वरी की महिमा कैसे बताई जावे। यदि सम्पूर्ण साधन भक्ति का फल श्रीहरि चरणों की प्रीति है तो श्री हरि स्वयम राधा रानी के श्री चरणों की रज में धूलिधुसरित होने को लालायित हैं उनके चरणों की प्रीति से अपने भक्तों को आनन्दित करते हैं। मुख से एक बार भी राधा नाम लेना या कर्णपुटों से राधा नाम श्रवण करना स्वयम का कोई प्रयास न होकर उन श्रीप्रभु की अहेतुकि कृपा नहीं तो और क्या है।
जांचत रह्यौ वेद शास्त्र तत्व एको पावैगो !!!
हरि को भी तत्व होय राधा राधा गावेगो !!!
नित्य नियम वेद पाठ छूट सबहुँ जावेगो !!!
अलबेली स्वामिनी जु श्यामा शरण जावेगो !!!
रा और धा दोऊ आखर जोड़ राधा जो गावेगो !!!
अखिल ब्रह्माण्डनायक मोहन ताके पाछे आवेगो !!!
श्री राधा राधा राधा ............
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