राधा राधा राधा 3

राधा राधा राधा राधा राधा राधा

   मधुरातिमधुर राधा राधा नाम। रा......धा राधा रा........धा । अहा !!! यह नाम तो जैसे मेरी प्राण निधि हो गया है। राधा राधा राधा ....राधा नाम की धारा ही तन मन प्राण को आनन्दित कर रही है। राधा नाम भीतर उतरता हुआ जैसे प्राण ही हुआ जा रहा है। हथेलियों की थाप कुछ कह रही है तो राधा राधा राधा ....... पद चाप किसी धुन पर थिरक रहे हैं तो इसी धारा में ही राधा राधा राधा .......अहो !!! स्वामिनी जु का यह त्रिलोकपावन नाम मेरी जिव्हा पर नृत्य कर रहा है राधा राधा राधा ......... अब कुछ चाह शेष ही नहीं रही जैसे। राधा राधा राधा .......यही आधार मिल गया है जैसे।

कीजौ राधा नाम आधार
सबन सुखन को सार नाम ये देवै प्रेम अपार

चरणन की रज दीजौ श्यामा चरणन सेवा पाऊँ
मन मयूर मस्त हो जावै जब राधा राधा गाऊँ
चरण चापते जीवन बीते तेरी सेवा ही सुखसार
कीजौ राधा नाम आधार.....

तेरी सेवा मिले किशोरी यही मेरा हो जीवन
नाम तेरो साँचो धन राधे नाम बिना मै निर्धन
नाम तेरे का व्यसन मोहे लागे नाम रटू बारम्बार
कीजौ राधा नाम आधार....

जैसे चाहो मोहे बना लो स्वामिनी जीवन तेरे अर्पण
श्यामाश्याम की छब ही निरखुँ नैन बने मेरो दर्पण
अपनी दासी कीजौ किशोरी यही बिनती तव चरणार
कीजौ राधा नाम आधार
सबन सुखन को सार नाम ये देवै प्रेम अपार

  राधा चरण अनुराग ही सर्वसुख सार है श्री राधा राधा राधा ..........

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