पिय बिन कैसो जीवन होय मेरो
पिय बिन कैसो जीवन होय मेरो
दरस बिना मोरे नैना दुःखत आय कीजौ निबेरो
हिय की पीर तुम जानो मोहना कैसो नाथ छिपाऊँ
झूठो साँचो नेह होय तुम सों तुम्हरी ही बन जाऊँ
अबहुँ आन पकर लीजौ कर छटपटात रहूँ निसिदिन
दरस की आस माँहिं प्राण न जावै सुधि लीजौ तुम किसदिन
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