राधा राधा नाम
राधा राधा नाम रटे रसना और कोऊ रस नाँहिं भावै
चरणन की दासी कीजौ श्यामा बाँवरी तोहे रिझावै
नाचत गावत करत सिंगार तेरो पुष्पन सों नित्य सजावै
बाँवरी अपनी कीजौ श्यामा और कोऊ ठौर न जावै
जन्म जन्म की दासी तिहारी पुनि पुनि अर्ज सुनावै
राधा नाम बसे रोम रोम माँहि तोसे ऐसो नेह लगावै
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