एक सों हिय नाँहिं
एक सों हिय नाँहिं भरो हमारौ तुम दोऊ दोऊ बन आवो
ऐसो नाँहिं कीजौ मोहना खेलो तुम अति इतरावो
पूछ्यो बाँवरी सों मन ही मन बूझ मोहे बतावो
एकहो होऊँ या छब होय मेरो देख मोहे बतावो
बाँवरी देखत भई बाँवरी कैसो रूप दिखावो
छलिया होवो छल फिर कीन्हों साँची बात बतावो
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