तुम बिन जीवन
तुम बिन जीवन कैसो होवै काहे प्राण देह धराऊँ
पिय पिय की रटन लगी मोहे बाँवरी तेरी कहाऊँ
स्वास स्वास पिय पिय उचारूं कैसो धीर धराऊँ
नाथ आय लीजौ सुधि मेरी तुमको अर्ज़ सुनाऊँ
तुम बिन और ठौर नाँहिं कोय कौन द्वारे जाऊँ
मेरो जीवन प्राण तुम मोहन तुमसों नेह लगाऊँ
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