श्यामाश्याम

श्यामाश्याम जगत विस्तार

श्यामाश्याम मेरे प्राण आधार

श्यामाश्याम रटूं आठों याम

श्यामाश्याम को मेरा प्रणाम

श्यामाश्याम जगत आनन्द

श्यामाश्याम हैँ नित्य सुखकन्द

श्यामाश्याम भजो मेरे मन

श्यामाश्याम की लगी लग्न

श्यामाश्याम मेरे जीवनधन

श्यामाश्याम  को करूँ नमन

रे मन रट तू श्यामाश्याम

इनके चरणों में है सुखधाम

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून