सूना फ़ाग

सावन है अंसुअन सों भीगो,
          फाग ये सूखो बीत गयो !
हाय पिया नहीं आये सखी री,
            जीवन गागर रीत गयो !!

निसदिन बरसत नैन हमारे,
       कब आएंगे प्रियतम प्यारे !
सूना सूना चहुँ  दिशि लागै,
          आए नहीं मनहर प्यारे !!

कैसे खेलें फाग पिया बिन,
     कौन झुलावै झूला तुम बिन !
सावन अब खायवै कूं आवै,
      उजड़ चला ये मन का मधुबन !!

जय जय श्री राधे....

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