बड़े भाग मानुष तन पाया
बड़े भाग मानुष देह पाई
नहीं तुम गरीब दुर्भाग्यवान
कृपा हुई ये देह मिली है
ऐसी कृपा किये भगवान
कहते हो धन दौलत नहीं
कहते हो नहीं मिली रोटी
अमूल्य मानव जन्म मिला तो
क्यों तेरी किस्मत खोटी
धन दौलत नहीं असल खजाना
भक्ति बिना कैसे सुख पाना
तू है अंश आनंदरूप का ही
स्वयम् तू आनन्द समाना
जोड़ सम्बन्ध उस नित्य रूप से
सफल हो नर तन पाना
दुर्लभ जन्म करुणामय दीन्हों
अब नहीं व्यर्थ गवाना
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