कुछ हसरतें

यूँ ना सजके रोज़ रोज़ आया करो
क्यों मदहोश हमको करते हो
होश पहले से ही मेरे कम हैं
क्यों बेहोश हमको करते हो

कत्ल करती है हर अदा तेरी
उस पर तेरा यूँ संवर् जाना
किस तरह बांध सके इश्क़ कोई
इश्क़ का काम है बिखर जाना

मेरा इश्क़ ही मेरी बन्दगी
तू ही सांवरे मेरी जिंदगी
तू ही मेरे जीने की वजह
तू ही मेरी अब दीवानगी

बह जाऊँ तेरे इश्क़ के दरिया में
तेरे इश्क़ के समन्दर में डूब जाऊँ
तुझमें ही खो जाना है अब मुझको तू
ऐसे कुछ हो की अपना ही पता खो जाऊँ

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