रख लीजो बरसाना

रख लीजो बरसाना श्यामा मोहे रख लीजो बरसाना
छोड़ तिहारी शरण लाडली और कहीँ नहीं जाना
रख लीजो.बरसाना.......

तेरे महलन की करूँ चाकरी
मेरी ऊँची अटारी वारी
नित नित चरण पखारो तेरे
मोहन मदन मुरारी
शरण तेरी मैं पड़ी लाडली
और कहीं नहीं जाना
रख लीजो बरसाना......

नित नित अपनी सेवा दीजो
श्यामा मैं तेरी दासी
सेवा मिले कटे संताप मेरो
हो जाए दूर उदासी
मुझको तेरी दासी ही रहना
ये ही धर्म निभाना
रख लीजो बरसाना.......

युगल छवि को नित नित निरखूं
सेवा करूँ तिहारी
तन मन जीवन मेरो अर्पण
दीजो ना मोहे बिसारी
लाड लडाउँ नित नए लाडली
विनती मेरी पूजाना
रख लीजो बरसाना.......

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