कैसे करूँ बयाँ
कैसे करूँ बयाँ मैं तेरी कितनी हैं इनायतें
सांसें मेरी बन जाएँ सांवल तेरी अमानतें
ऐसी ज़िन्दगी मेरी हो सेवा के काम आए
सब छूट जाए चाहे तेरा साथ कभी ना जाए
सब तुझसे ही जुडी रहें मेरी ज़िन्दगी की हसरतें
कैसे करूँ बयाँ.......
कभी एक पल ना जाए जब ना तेरी लग्न रहे
भूलूँ मैं दुनिया सारी मन तुझमें ही मगन रहे
लब पर कभी ना आएं कोई भी अब शिकायतें
कैसे करूँ बयाँ......
तेरा इश्क़ ही प्यारे अब मेरी ज़िन्दगी हो
तुझे चाहना ही हर पल यही मेरी बन्दगी हो
दिन रात करती रहूँ प्यारे तेरी इबादतें
कैसे करूँ बयाँ........
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