मेरी हसरत

ये जो लब आपका नाम है
ये भी आपकी इनायत है
वरना कौन ले सकता है
जिसको आपकी जरूरत है

जिसको आप अपनाना चाहो
वही आपको चाह सके है
वरना कहां औक़ात किसी की
सबको जग की झूठी हसरत है

आपको याद किसी की आई
तो उसने आपका नाम पुकारा
जिस पर हुई नज़र आपकी
उसने ही तेरी और निहारा

आपका इश्क़ आपकी चाहत
यही मेरी अब बने इबादत
बनूं बिनमोल गुलाम आपकी
यही रह जाए मेरी हसरत

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