कौन घड़ी तुम आओ
बाट निहारूँ पिया जी
कौन घड़ी तुम आवो
नैनन नीर से पग पखारूँ
कौन घड़ी तुम आवो
बैठी तेरी बिरहन रोये
कहीँ मन नहीं लगावे
कौन घड़ी जाने पिया मेरे
हाय सखी घर आवे
सुधि लो अब मेरो पिया जी
मोहे ना बिसरावो
नैनन नीर से पग पखारूँ
कौन घड़ी तुम आवो
विरह की मारी इत उत डोलूं
काहे इतनी देर लगाई
निशदिन पिया पिया रटूं मैं
पिया क्यों दीन्हीं बिसराई
आ जाओ मेरे प्राण प्यारे
और नहीं समय लगावो
नैनन नीर से पग पखारूँ
कौन घड़ी तुम आवो
पिया कौन घड़ी तुम आवो
पिया कौन घड़ी तुम आवो
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