राधा राधा जप रे मन
राधा राधा जप रे मन
ये नाम सारन को सार
छांड सकल नाम को
राधा नाम उच्चार
राधा नाम उच्चार
राधा नाम ही तेरी ठौर
भूल मन जगत पसारा
पकड़ राधे नाम की डोर
राधे नाम की डोर
मेरी राधे ही महारानी
करुणा प्रेम त्याग की
खान है राधा रानी
राधा पद पंकज ही
सेवा की अभिलाष
राधे तेरी शरण में
पूर्ण कीजौ आस
Comments
Post a Comment