आलि री पी संग ना मैं बोलूं
आलि री !
पी संग मैं ना बोलूं..
बोल गयो मोहे अबही आयो
कौन गली पीय नेह लगायो
बाँवरी बन डोलूं
आलि री!
पी संग मैं ना बोलूं
बेदर्दी सो नेह लगायो
रो रो कर सब जनम गवायो
फिर भी पिय पिय बोलूं
आलि री !
पी संग ना मैं बोलूं
दूर देस बसे पिया मेरो
हाय सखी पथ घोर अंधेरो
रही इत उत् डोलूं
आलि री !
पी संग ना मैं बोलूं
आओ पिया लगौ अंग मोरेे
लाज शर्म के बंधन तोरें
क्या मुख सों बोलूं
आली री !
पी संग ना मैं बोलूँ
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