बरसाने बुला लो मुझे

श्यामा प्यारी मेरी सरकार
बरसाने बुला लो मुझे
अलबेली मेरी सरकार
सेवा में बिठा लो मुझे

तेरे दर पर करूँ चाकरी
ऐसी कोई सेवा दीजो
ऊँची अटारी वारी श्यामा
दासी मुझे रख लीजो
तेरे चरणों में करूँ मनुहार
बरसाने बुला लो मुझे
अलबेली मेरी........

रख लो अपनी शरण में प्यारी
नित तेरे ही गुण गाऊँ
सेवा से खुश रहे लाडली
नित नित तुम्हें रिझाऊँ
श्यामा मेरी प्राण आधार
बरसाने बुला लो मुझे
अलबेली मेरी.....

तेरी थी तेरी हूँ लाडली
अब ना मुझे बिसारो
बड़े भाग तेरी सेवा मिले तो
लाडली मुझे उबारो
मैं आन पड़ी तेरे द्वार
बरसाने बिठा लो मुझे
अलबेली मेरी.....

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून