तेरा दर
तेरा दर छोड़ किथे जावां शामा मैं जोगन तेरी
लग गया रोग इश्क़े वाला शामा मैं रोगण तेरी
तेरे बिन मेरा कोई होर ना ठिकाणा है
दर तेरा छड्ड साइयां मैं होर किथे जाणा है
मेरा होर ना तेरे बिना शामा तू बण गया मेरी जिँदडी
लग गया रोग.......
तेरे नाल सवेर मेरी तेरे नाल शाम है
मेरी ताँ रूह शामा तेरी ही गुलाम है
बिना याद किते लंघे कदी वी ना आये कोई ऐसी घड़ी
लग गया रोग.....
मेरेयां नैणा दे विच वस् हुण प्यारेया
तन मन जीवन सब तेरे उतों वारेया
नित नित तेरा राह पयी तक़दी प्यारे तेरी उडीक बड़ी
लग गया रोग.......
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