रैन काहे ना आवे
जे सखी ये रैन् ना होवे
लाडली अति दुःख पाये
रैन होय तो पिया मिले
दिन भर रहे धेनु चराय
दिन भर रहे धेनु चराय
सखा संग ऊधम मचावे
साँझ ढ़ले लौट धेनु संग
घर लौट कर आवे
घर लौट कर आवे
प्रिया जू की याद आवे
बैठी रही लाडली कुंजन में
लाल को पास बुलावे
लाल को पास बुलावे
सखियाँ तब मेल करावें
जब रैन को सुख पावें युगल
काहे सखी फिर रैन न आवे
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