इक वारी आ शामा
मैं ताँ सब कुझ तेरे ते छड़या तू इक वारी आ शामा
नित नित बुलावां तैनू कोल कदे ताँ फेरा पा शामा
चंगा नहीं लगदा तेरा रोज़ लारे लाणा
तू नहीं आणा फेर मैं नहीं बुलाणा
बन्न दीती प्रेम वाली डोरी हुण ना खुला शामा
मैं ता.......
तेरे इश्के ने शामा मेरी मत मारी वे
रही किसे कम दी ना लग गयी बीमारी वे
हुण बण गयी मैं रोगण् तेरी दर्द वंडा शामा
मैं ता........
तेरे ही हथ शामा हुण मेरी डोर वे
तेरे बिना सोहनेया ना मेरा कोई होर वे
बड़ा लुक लिया हुण ताँ इक वारी मुखड़ा दिखा शामा
मैं ता........
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