कैसे प्रेम किये बिन तुम

तुम कितना सताओगे
हाय कितना रुलाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
कान्हा रह पाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
मोहना रह पाओगे

मीरा ने पुकार जब की
कान्हा दौड़े आये तभी
पल की भी देर ना की
मनमोहन तेरी प्रीती
बांसुरी प्रेम वाली
बोलो कब सुनाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
कान्हा रह पाओगे

धन्ने की पुकार सुनी
पत्थर से निकल गए
जब प्रेम का ताप बढ़ा
कान्हा तुम पिघल गए
मुझको तुम मेरे कान्हा
कब गले लगाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
कान्हा रह पाओगे

हर गोपी ने प्रेम किया
कान्हा तुम चले आये
जब रास किया मोहना
उतने रूप बना आये
प्रेम वाली ही डोरी से
कान्हा बन्ध जाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
कान्हा रह पाओगे

तुम कितना सताओगे
हाय कितना रुलाओगे
क्या प्रेम किये बिन तुम
कान्हा रह पाओगे
कैसे प्रेम किये बिन तुम
मोहना रह पाओगे
बोलो क्या रह पाओगे
तुम नहीं रह पाओगे
कभी नहीं रह पाओगे

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