हा किशोरी
[08/05, 16:22] गौरांग कृपा: हा प्यारी मिलन चटपटी देयो लगाय
ऐसो होय दसा कबहुँ हिय की कछु और न भाय
मेरौ कोऊ जप तप न किशोरी करुणामयी तेरौ सुभाय
एहि जानत बाँवरी दासी तिहारी राधे तोसौं ही आस लगाय
झूठी प्रीति हिय माँहिं राखूँ स्वामिनी आपहुँ साँची देयो बनाय
एहि मांगे बाँवरी दासी तोसौं स्वामिनी कोऊ सेवा भाव हिय आय
[08/05, 17:30] गौरांग कृपा: हा किशोरी कबहुँ उपजै चरणन रज कौ आस
आपहुँ कृपा कीजौ अधमन पै देयो हिय ब्रजवास
देयो हिय ब्रजवास श्यामाश्याम की ही रटन बनै
झूठे जग सौं पकर निकारो श्यामा तेरी ही लग्न बनै
निर्बल बाँवरी का तुम बल किशोरी कीजौ निज चेरी
प्राण न रह्वै तुमसौं दूर होय क्षण ऐसी कीजौ दसा मेरी
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